Description
सनातन धर्म मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन भगवान धन्ंवतरि की पूजा करने से दुख-कष्ट दूर हो जाते हैं. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान धनवंतरी को चिकित्सा के देवता के रूप में पूजा जाता है। उनकी पूजा अच्छे स्वास्थ्य और परिवार के सदस्यों के लंबे जीवन के लिए शुभ फलदायक होती है। धनवंतरी पूजा हर साल में एक बार या परिवार के किसी सदस्य की बीमारी के दौरान की स्थिति की मांग के अनुसार की जानी चाहिए। प्राचीन मतानुसार, समुद्र मंथन के समय भगवान धनवंतरि हाथ में अमृत व जड़ी बूटियां लेकर प्रकट हुए थे । पहले चिकित्सक और सर्जन के रूप में प्रसिद्ध, भगवान धनवंतरी को अमरता के देवता के रूप में भी पूजा जाता है
भगवान धनवंतरि की पूजा से लाभ :-
* बीमारी से पीड़ित बच्चों के स्वास्थ्य लाभ के लिए
* शारीरिक और मनोवैज्ञानिक समस्याओं से मिलती है राहत
* पुरानी बीमारियों से राहत मिलती है
* मिलता है लंबा व स्वस्थ जीवन
* अच्छे स्वास्थ्य, ऊर्जा और शक्ति के लिए
* भगवान धनवंतरि का आशीर्वाद पाने के लिए
कपूर, केसर, यज्ञोपवीत, कुमकुम, चावल (अक्षत), अबीर-गुलाल, हल्दी, मेहंदी, चूड़ी, काजल, पायजेब, बिछुड़ी, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारी, पान का पत्ता, फूल-माला, कमलगट्टे, धनिया खड़ा, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, कुश, दूर्वा, पंच मेवा, गंगाजल, शहद, शक्कर, शुद्ध घी, दही, दूध, फल, नैवेद्य या मिष्ठान, इलायची (छोटी), लौंग, मौली, इत्र, तुलसी, चौकी, आसन, पंच पल्लव (बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते), औषधि, चांदी सिक्का, वस्त्र, सफेद कपड़ा, लाल कपड़ा, दीपक, श्रीफल (नारियल), धान्य (चावल, गेहूं), लेखनी (कलम), हल्दी की गांठ इत्यादि
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