Description
हमारे हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का कितना महत्व है। इसमें अलग-अलग देवी-देवताओं के विभिन्न तरहों से पूजा करते हैं। परंतु इसके साथ ही इन्हें प्रसन्न करने और इनकी कृपा पाने के लिए इनका माता की चौकी आदि भी किया जाता है। लेकिन हम में से बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें माता की करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इस बारे में नहीं पता होता। जिसकी वजह से न तो वो माता की कृपा पाते हैं और न ही इन्हें शुभ फल प्राप्त नहीं होते है । आइए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ खास बातें-
कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य गणपति जी को स्थापित किए बगैर प्रारंभ नहीं होता है। हर माता की चौकी की शुरुआत गणेश भजन के साथ ही होती है। ऐसा कहते हैं कि इनका नाम लेकर शुरुआत करने से हर कार्य में सफलता मिलती है। इसलिए माता की चौकी में सबसे पहले भगवान गणेश का भजन गाएं।
इस दौरान माता की चौकी लगाई जाती है, जिसमें माता रानी का दरबार फूलों द्वारा सजाया जाता है, माता की चौकी के दौरान संध्या की बेला से लेकर सभी भक्त रात में भी जाग कर माता के भजन गाते हैं. जब हम दरबार में या जागरण में जाते हैं तो एक अलग ही प्रकार की सकारात्मक ऊर्जा की अनुभूति होती है.जागरण में कन्या को देवी स्वरुप बनाकर झांकी लगाई जाती है, किसी को शेर और किसी को असुर या दानव बनाया जाता है. माता की चौकी में नाटक का मंचन होता है. नवरात्र में माता की चौकी का आयोजन करना शुभ माना जाता हैं. भक्तों से प्रसन्न होकर देवी माता उन्हें मन चाहा वर देती हैं एवं नकारात्मक उर्जा से छुटकारा भी दिलाती हैं.
इसके अलावा इस बात का ध्यान रहे कि जिस स्थान पर माता की चौकी का आयोजन हो रहा हो, इनका साफ़-सफ़ाई का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। कहते हैं अगर जिस स्थान पर माता चौकी का आयोजन हो रहा हो, वहां पर गंदगी नहीं होनी चाहिए।
ज्योतिष के अनुसार माता की चौकी का आयोजन सामूहिक रूप से कराना शुभ माना गया है। यानि कि माता चौकी में परिवार से समस्त लोगों का साथ होना अनिवार्य माना जाता है
माता की चौकी में सदस्यो की संख्या -11
* गायक/गायिका की संख्या – 2-3
* महन्त की संख्या – 01
* सहायक की संख्या – 04
* तबला /ढोलक वादक की संख्या – 02
* हारमोनयम की संख्या – 01
* पुरोहित (पण्डित जी ) – 01
* माता चौकी की अवधि :- 5-6 घण्टे
(आयोजक/जजमान के अनुसार माता चौकी की अवधि में बदलाव करवाया जा सकता है एवं पूर्ण राशि में बदलाव होगे )
* नियम एवं शर्ते :- माता की चौकी बुकिग करवाने के लिये अग्रिम भुगतान 30% (प्रतिशत) देय करवाना अनिवार्य है। शेष राशि पूजा के उपरान्त या बाद भुगतान कराया जा सकता है।
* आयोजक/जजमान के अनुसार माता चौकी की अवधि में बदलाव भी करवाया जा सकता है एवं पूर्ण राशि में बदलाव होगे
*सम्पूर्ण भुगतान राशि सभी कर (with GST) सहित है ।
नोट:- अग्रिम भुगतान राशि का सिर्फ़् 10% राशि ही जजमान को वापस किया जायेगा, यदि बूकिन्ग 24 घण्टे से पहले जजमान के द्वारा निष्कर्ष (cancel) किया गया हो ।
सौजन्य से-नवीन एवं मण्डली द्वारा
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