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हमारे हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का कितना महत्व है। इसमें अलग-अलग देवी-देवताओं के विभिन्न तरहों से पूजा करते हैं। परंतु इसके साथ ही इन्हें प्रसन्न करने और इनकी कृपा पाने के लिए इनका भजन-कीर्तन आदि भी किया जाता है। लेकिन हम में से बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें भजन-कीर्तन करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इस बारे में नहीं पता होता। जिसकी वजह से न तो वो भगवान की कृपा पाते हैं और न ही इन्हें शुभ फल प्राप्त नहीं होते है । आइए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ खास बातें-
जैसे कि हम सब जानते हैं कि हिंदू धर्म में भजन-कीर्तन करने-कराने की परंपरा बहुत ही पुराने काल (समय) से प्राचीन है। बल्कि शादी-विवाह जैसे खास मौकों पर भी भजन-कीर्तन कराए जाते हैं। इसे बहुत ही शुभ माना गया है। इसके अलावा साधारण दिनों में भी लोग अपने घरों में भजन-कीर्तन कराते हैं। ऐसे मान्यता है कि भजन-कीर्तन कराने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। इसके साथ ही ये भी कहा जाता है कि इससे घर में देवी लक्ष्मी का वास होता है।
इन बातों का रखें ध्यान-
हमेशा भजन-कीर्तन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपका मुंह पूर्व दिशा की ओर हो। ज्योतिष और वास्तु की मानें तो इन दिशा को छोड़कर किसी अन्य दिशा में भजन-कीर्तन नहीं करना चाहिए।
इतना तो सभी जानते हैं कि हंदू धर्म में सबसे सर्वप्रथम पूज्य देवता भगवान गणेश जी हैं। इसलिए कहा जाता है कि भजन-कीर्तन करने से पहले भगवान गणेश की मू्र्ति स्थापित करना ज़रूरी बताया गया है। कहा जाता है कि गणेश जी को याद किए बिना भजन-कीर्तन का संपूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। जिस भी देवी-देवता का भजन कर रहे हों, उनके चित्र के समाने गाय के घी का दीपक ज़रूर जलाएं। इसके साथ ही धूप जलाना और गंगा जल का पात्र रखना भी बहुत ज़रूरी माना गया है।
इसके अलावा इस बात का ध्यान रहे कि जिस स्थान पर भजन-कीर्तन का आयोजन हो रहा हो, इनका साफ़-सफ़ाई का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। कहते हैं अगर जिस स्थान पर भजन-कीर्तन का आयोजन हो रहा हो, वहां पर गंदगी नहीं होनी चाहिए।
ज्योतिष के अनुसार भजन-कीर्तन का आयोजन सामूहिक रूप से कराना शुभ माना गया है। यानि कि भजन-कीर्तन में परिवार से समस्त लोगों का साथ होना अनिवार्य माना जाता है।
भजन मण्डली में सदस्यो की संख्या -07-11
* गायक/गायिका की संख्या – 1-2
* महन्त की संख्या – 01
* सहायक की संख्या – 2-3
* तबला /ढोलक वादक की संख्या – 01
* हारमोनयम की संख्या – 01
नियम एवं शर्ते :- भजन एवं कीर्तन बुकिग करवाने के लिये अग्रिम भुगतान 30% (प्रतिशत) देय करवाना अनिवार्य है। शेष राशि पूजा के बाद भुगतान कराया जा सकता है।
* आयोजक/जजमान के अनुसार भजन एवं कीर्तन की अवधि में बदलाव भी करवाया जा सकता है एवं पूर्ण राशि में बदलाव होगे
नोट:- अग्रिम भुगतान राशि का सिर्फ़् 10% राशि ही जजमान को वापस किया जायेगा, यदि बूकिन्ग 24 घण्टे से पहले जजमान के द्वारा निष्कर्ष (cancel) किया गया हो ।
सौजन्य से-नवीन एवं मण्डली द्वारा
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